पंख फैलाए हर दिन की तरह एक नयां गीत गाते वे चिड़ियां! पंख फैलाए हर दिन की तरह एक नयां गीत गाते वे चिड़ियां!
कूद रहीं अंधकूप में, पापा की परियां असहाय से देखते, मां -बाप खड़े हुए हैं। कूद रहीं अंधकूप में, पापा की परियां असहाय से देखते, मां -बाप खड़े हुए हैं।
खारी-खारी बूंदें भी अमूल्य लगने लगती है ! खारी-खारी बूंदें भी अमूल्य लगने लगती है !
धान एक गर्जना की बाट में बंजर हो गए मैदान लुप्त हो रही नित सरिता ये कैसी है प्रगति धान एक गर्जना की बाट में बंजर हो गए मैदान लुप्त हो रही नित सरिता ये कैसी...
चाहे कुछ कर लूं ,अब मुझे मोहब्बत नहीं होती, किसी दिल की इस दिल को अब चाहत नहीं होती, चाहे कुछ कर लूं ,अब मुझे मोहब्बत नहीं होती, किसी दिल की इस दिल को अब चाहत नही...
अगर मैं हवा होती, जरूर तेरे पास आती, तेरे जिस्म से उतरकर, तेरी रूह में समा जाती। अगर मैं हवा होती, जरूर तेरे पास आती, तेरे जिस्म से उतरकर, तेरी रूह में ...